भारत में क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य राजस्थान है | इस राज्य के लिए ऐसा कहा जाता है की यहां चारो ओर सिर्फ रेगिस्तान है | यहाँ गर्मियों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है | लेकिन यह बात भी सच है की यहाँ की संस्कृति भारत में सबसे निराली है | यहाँ के लोग सीधे और सरल है | आज हम आपको यहाँ ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे है, जिसमे स्थित शिवलिंग की पूजा हिन्दुओ के द्वारा नहीं बल्कि मुसलमानो के द्वारा की जाती है | जो हिन्दू धर्म के विरुद्ध है | आइये जाने इस मंदिर की पूरी कहानी...
जब आप इस मंदिर के बारे में जानेंगे तो आप भी हैरान हो जायेंगे और हो सकता की आपको हमारे ऊपर शक भी हो | लेकिन यह बात शतप्रतिशत सत्य है | राजस्थान के लगभग मध्य में एक जिला है | जिसका नाम अजमेर जिला है | यहाँ विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह है | लेकिन क्या आप जानते है की यह कोई दरगाह नहीं बल्कि एक मंदिर है | इस दरगाह का पूरा इतिहास हम आपको बताने जा रहे है |
1191 में भारत के सबसे ऐतिहासिक युद्धों में से एक तराईन का प्रथम युद्ध हुआ था | इस युद्ध में एक ओर गजनी का शासक महोम्मद गौरी था तो दूसरी ओर भारत का अंतिम हिन्दू शासक पृथ्वीराज चौहान था | इस शासक को हिन्दू सम्राट की उपाधि की गयी थी | पृथ्वीराज चौहान के दरबारी कवी चंद्रबरदाई ने अपनी पुस्तक पृथ्वीराज रासो से हमे इसके बारे में पूर्ण जानकर मिलती है | जब तराईन का प्रथम युद्ध हुआ था | उस समय गौरी के साथ सैनिक रूप में बहुत अच्छे व्यक्ति भारत आये थे | उनका नाम ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती था |
जब महोम्मद गौरी तराईन के प्रथम युद्ध में हार गया तो उसके सारे सैनिको को पृथ्वीराज ने बंदी बना लिया था | उनके साथ ख्वाजा मोईनुद्दीन को भी बंदी बना लिया गया था | उस समय एक विशेष कपडे के बने पात्र से गुलामो से पानी भरवाया जाता था | ख्वाजा साहब को भी यही काम मिला |
यहां मोईनुद्दीन चिश्ती प्रतिदिन पानी भरते और पात्र को दिवार पर टांक देते | इतिहासकारो के अनुसार जहाँ कपडे का पात्र लटका रहता था | उसी के नीचे एक शिवलिंग बना हुआ था | जिस पर प्रतिदिन रिस-रिस कर कपडे से बने पात्र का पानी गिरता था | ऐसा कहा जाता है की इससे भगवान शिव प्रसन्न हो गए और उन्होंने मोईनुद्दीन चिश्ती को वरदान दिया की जिस स्थान पर तुमने मुझे प्रसन्न किया है | वहां तुम्हे एक दिन पूजा जायेगा |
यह स्थान वर्तमान में ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के नाम से मशहूर है | इसे विश्व का दूसरा मक्का या भारत का मक्का कहा जाता है | आज भी यहाँ अजमेर में वह शिवलिंग विद्यमान है | जो ख्वाजा साहब की दरगाह प्रदेश में बिल्कुल नीचे किसी तहखाने में स्थित है | इस शिवलिंग के मंदिर का प्रमुख द्वार वर्ष भर बंद रहता है | लेकिन इसे सिर्फ वर्ष के दो दिन ईद और महाशिवरात्रि को खोला जाता है | जिसकी पूजा मुस्लिम संप्रदाय के द्वारा की जाती है | जो हिन्दू धर्म के विरूद्ध है |
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी और प्रधानमंत्री मोदी हमेशा अयोध्या में राम मंदिर बनवाने की बात करते है | लेकिन क्या वे इस दरगाह में स्थित मंदिर की पूजा हिन्दुओ द्वारा करवाने के आदेश दे सकते है | दोस्तों, हिन्दुओ की जागरूकता के लिए इस आर्टिकल को अपने कम से कम 4 दोस्तों से अवश्य शेयर करे |